कोई भी व्यक्ति हो , कोई भी संगठन हो वह तभी सफल हो सकता है जब कि समय , शक्ति , चिंतन , विचारधारा , कर्तव्य सभी लक्ष्य पूर्ति में संयोजित कर दिए जाएँ l हर समय कार्यकर्त्ता के मन में अपना उद्देश्य गूंजता रहे तथा ' करना चाहिए के स्थान पर ' किया है ' बताने को वो आतुर रहे