15 February 2018

WISDOM ----- जिसने अपनी आत्मा को बेच दिया , उसका सब कुछ खो जाता है

  खडाऊं  पहन  के  पंडितजी  मंदिर  की  और  चले  l  कदम  बढ़ने  के  साथ - साथ खडाऊं  से  भी  खट-खट  का  स्वर  निकल  रहा  था  l  पंडितजी  को  यह  आवाज  पसंद  न  आई  l  वह  एक  स्थान  पर  खड़े  होकर  खडाऊं  से  पूछने  लगे  ---- " अच्छा  यह  तो  बताओ  कि  पैरों  के  नीचे  इतनी  दबी  रहने  पर  भी  तुम्हारे  स्वर  में   कोई  अंतर  क्यों  नहीं  आया  ? "
  खडाऊं  ने  पैरों  के  नीचे  दबे -दबे  ही  पंडितजी  की  जिज्ञासा  शांत  करते  हुए  कहा ---- " मैं  तो  जीने  की  इच्छुक  हूँ  ,  पंडितजी ,  इस  संसार  में  ऐसे  लोगों  की  कमी  नहीं   जो  दूसरों  के  दबाव  में  आकर  अपना  स्वर  मंद  कर  लेते  हैं  ,  उन्हें  तो  जीवित  अवस्था  में   भी  मैं   मरा  हुआ   मानती  हूँ   l  "