5 February 2018

WISDOM ----- जीवन जीने का ढंग बदलना होगा

 सुखी  और  स्वस्थ  रहने  के  लिए  दुष्प्रवृत्तियों  का  त्याग  कर   सन्मार्ग  पर  चलना  होगा   l '
     मनुष्य  अपने  जीवन  जीने  के  ढंग  को  रूपांतरित  करे  ---- इसे  समझाने  वाली  एक  कथा  है -----
   '  एक  गाँव  पहाड़ियों  के  नीचे  की  घाटियों  में  बसा  था  l  वर्षा  होती  तो  नदियाँ  उफनती   और  लोगों  के  घर  बह  जाते  l  खेती - बारी  नष्ट हो  जाती , जानवर  बह  जाते  l  बच्चे  प्राय:  डूबते  रहते  l  आंधियां  आतीं  तो  पहाड़  से  पत्थर  गिरते ,  अनेक  लोग  उसमे  दबकर  मर  जाते  l   उस  गाँव  की  जिन्दगी  बड़े  कष्ट  में  थी  ,  लेकिन   उस  पहाड़ी  गाँव  के  लोगों  ने  मान  लिया  था   कि  जीने  का  यही  ढंग  है  l   उनके  पुरखों  ने  यही  जीवन  जिया  था  l  अब  उनके  बाद  उनके  बच्चे  भी  यही  जीवन  जीने  वाले  हैं  l   बाढ़ ,  आंधी ,  पत्थर  गिरना --- इन  कष्टों  को  सहना  और  फिर  मर  जाना  l
     एक  यात्री  उस  पहाड़ी  गाँव  में  पहुंचा   l  उसने  उन्हें  समझाने  की  कोशिश  की  कि  तुम  सब  नासमझी  का  जीवन  जी  रहे  हो  l  यहाँ  रहते  हुए  तुम्हारी  समस्या  कभी  हल  न  हो  सकेगी   l   इस  खाईनुमा  घाटी  को   छोड़ो,  देखो  इतने  अच्छे  पहाड़  तुम्हारे  चारों  और  हैं  ,  इनके  ढलान  पर  अपने  मकान  बनाओ  l   गाँव   के  लोगों  ने  अनेक  तर्क  किए---  क्या  इससे  ऊँचे   पर    मकान   बनाने  से   हमारी  समस्या  हल  हो  जाएगी ,  वर्षा  तो  तब  भी    आएगी ,  आंधियाँ   भी   उठेंगी  l
  मुसाफिर  ने  हँसते  हुए  कहा  --- उंचाई  पर  मकान  बनाने  से  ये  खाई  वाली  समस्याएं  नहीं  रहेंगी  ,  समस्याओं   का     यह  असहनीय  रूप  नहीं  रहेगा  l 
  पुराने  जीवन  के  ढंग  को  बदलने  के  लिए  बड़ी  हिम्मत  चाहिए  l  उस  गाँव  के  लोगों  ने  हिम्मत  जुटा  ली   l  उन्होंने  अपने  जीवन  में ,  अपने  मकानों  की  स्थिति  में  परिवर्तन  कर  लिया  l    इस बदली  हुई  स्थिति  से  उन्हें  बड़ा  आश्चर्य  हुआ  l  वर्षा  तो  खूब  हुई ,  नदी  भी  उफनी ,  र  अब  उनके  मकान  न     बहे    बच्चे  न   डूबे l  आंधियां  भी  आईं,  पत्थर  भी  गिरे  ,  लेकिन  अब  उनमे  से  कोई  दबा  नहीं   क्योंकि  उन  सबने  मिलकर    अपने   जीने     का  ढंग  बदल लिया   l  उनका  जीवन  जीने     ढंग  अब  रूपांतरित  हो  चुका  था  l  उन्होंने  अपने  इस  जीवन   का  भरपूर  आनंद  मनाया ,  उत्सव  मनाया  l