14 January 2018

WISDOM ----- अत्याचार और अन्याय से समूचा वातावरण प्रदूषित हो जाता है

  जब  भी  धरती  पर  अत्याचार  व  अन्याय  बढ़ता  है  तो  उससे  कोई  वर्ग - विशेष  ही   प्रताड़ित  नहीं  होता  अपितु  उससे  सम्पूर्ण  समाज  की  मानसिकता  प्रदूषित  हो  जाती  है  ,  वायुमंडल  प्रदूषित  हो  जाता  है ,  प्रकृति  नाराज  होती  है  ,  बाढ़ , तूफान ,  भूकंप ,  कहीं  सूखा,  दंगे - फसाद ,  मार - काट   और  पशुओं  से  भी  बदतर  राक्षसी  प्रवृति  समाज   को   आतंकित  करती  है  l  सबसे  बुद्धिमान  प्राणी ---  मनुष्य   बेबस  हो कर  सब  देखता  और   चुप  रहता    है  l
  रावण  महापंडित  था ,  वेद - शास्त्र  का  ज्ञाता  था ,  लेकिन  वह  अत्याचारी  था   और  उसके  संरक्षण  में  राक्षसों  ने  बहुत  अत्याचार  किये  ,  इस  कारण    सम्पूर्ण  वातावरण  प्रदूषित  हो  गया  था  ,  इस  वजह  से  उन  दिनों   पूरी  लंका  में --- " एक  लाख  पूत  और  सवा  लाख  नाती  "  सब - के - सब  राक्षसी  प्रवृति  के  थे  इसी  तरह  द्वापरयुग  में  कंस  और  दुर्योधन  ने   इतना   अत्याचार  किया  कि  पूरा  वातावरण  नकारात्मक  हो  गया   l   उस  ज़माने  में  जो  सामंत  और  राजा  हुए  वे  भी  अत्याचारी  और  बुरे  थे  l  सब  अत्याचारी - अन्यायी  एक  साथ  इकट्ठे  हो  गए    और  दूसरी  तरफ  केवल  पांच  पांडव  !  महाभारत  हो  गया  l 
  इसलिए  भगवान  कृष्ण  ने  गीता  में   अर्जुन  को  जाग्रत  किया  कि  तुम  आलसी  मत  बनो ,  पलायन  नहीं  करो  ,  अत्याचार  और  अन्याय  के  विरुद्ध  धर्म- युद्ध  करो  l