8 May 2018

WISDOM ----- महाकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर केवल कवि और कलाकार ही नहीं थे , वे एक सच्चे कर्मयोगी थे

 महात्मा  गाँधी  के  अहिंसा  के  विचार  को  वे  पसंद  करते  थे    किन्तु  जब  उन्होंने  असहयोग   की  घोषणा  कर  के   लड़कों  को  स्कूल  और  कॉलेज  छोड़ने  को  कहा  , विलायती  कपड़ों  की  होली  जलाने  का  कार्यक्रम  आरम्भ  किया   तो  महाकवि  ने  उसका  विरोध  किया   l  वे  कहते  थे  कि  इस  प्रकार  लड़कों  को  भड़काने  से  वे  आवारा  बन  जायेंगे   l  वस्त्र  बहिष्कार  और  चरखा  के  सम्बन्ध  में  वे  कहते  थे ----- "  गांधीजी  मशीनों  के  खिलाफ  हैं  तो  मेरी  भी   वही   सम्मति  है   पर  हमारी  बुराइयों  की  जड़  तो  भीतरी  कमजोरी  है    l  हम   चलने ,  बोलने   और  हंसने  में  भी  डरते  हैं   l  अंग्रेज  सरकार  के  हुक्म  पर  उठते  बैठते  हैं   l  हमारी  अपनी  ताकत  कुछ  भी  नहीं   l  हम  कायर  हैं  ,  सरकार  से  हर  बात  में  डरते  रहते  हैं   l  इस  जबरदस्ती  के  मैं  विरुद्ध  हूँ   l  लोगों  के  विचारों  पर  नियंत्रण   ठीक  नहीं  है   l  इस  तरह  यदि  हमको  स्वतंत्रता  मिल  भी  जाएगी    तो  भी  हम  सच्चे  अर्थों  में  स्वतंत्र  न  हो  सकेंगे    l  "

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