' जिस तरह मक्खी या चींटी गुड़ की चाशनी में एक बार चली जाये तो फिर वहां से वह निकल नहीं पाती और अंततः वहीँ उसकी मृत्यु हो जाती है l '
रामकृष्ण परमहंस एक कथा कहते हैं ---- एक व्यक्ति घने जंगल में भागा जा रहा था l घने अँधेरे के कारण कुएं में गिर गया l गिरते हुए उसके हाथ में कुएं के ऊपर झुके वृक्ष की डाल आ गई l नीचे झाँका तो वहां चार विशाल अजगर थे और जिस डाल को वह पकड़े था उसे दो चूहे कुतर रहे थे l इतने में एक हाथी आया और वृक्ष के तने को हिलाने लगा l वृक्ष के ठीक ऊपर मधु मक्खी का छत्ता था l वृक्ष हिलने से मधुमक्खी उड़ने लगी तो छत्ते से शहद टपकने लगा जो उस व्यक्ति के होठ पर गिरा l अब वह व्यक्ति सारे कष्ट भूलकर शहद चाटने लगा l उसी समय वहां से शिव -पार्वती निकले l पार्वतीजी ने उसे बचाने के लिए शिवजी से अनुरोध किया l शिवजी ने उससे कहा --- " मेरा हाथ पकड़ लो , मैं तुम्हे बाहर निकलता हूँ l " वह व्यक्ति कहने लगा --- " बस एक बूंद शहद और चाट लूँ l " हर बूंद के बाद अगली बूंद की प्रतीक्षा चलती रही l अंत में शिवजी उसे छोड़कर चले गए l
रामकृष्ण परमहंस एक कथा कहते हैं ---- एक व्यक्ति घने जंगल में भागा जा रहा था l घने अँधेरे के कारण कुएं में गिर गया l गिरते हुए उसके हाथ में कुएं के ऊपर झुके वृक्ष की डाल आ गई l नीचे झाँका तो वहां चार विशाल अजगर थे और जिस डाल को वह पकड़े था उसे दो चूहे कुतर रहे थे l इतने में एक हाथी आया और वृक्ष के तने को हिलाने लगा l वृक्ष के ठीक ऊपर मधु मक्खी का छत्ता था l वृक्ष हिलने से मधुमक्खी उड़ने लगी तो छत्ते से शहद टपकने लगा जो उस व्यक्ति के होठ पर गिरा l अब वह व्यक्ति सारे कष्ट भूलकर शहद चाटने लगा l उसी समय वहां से शिव -पार्वती निकले l पार्वतीजी ने उसे बचाने के लिए शिवजी से अनुरोध किया l शिवजी ने उससे कहा --- " मेरा हाथ पकड़ लो , मैं तुम्हे बाहर निकलता हूँ l " वह व्यक्ति कहने लगा --- " बस एक बूंद शहद और चाट लूँ l " हर बूंद के बाद अगली बूंद की प्रतीक्षा चलती रही l अंत में शिवजी उसे छोड़कर चले गए l
No comments:
Post a Comment