देश व समाज के प्रति प्रेम जितना अधिक होता है वहां सुव्यवस्था , शान्ति व उन्नति के आधार मजबूत होते हैं l इसका कारण वे व्यक्ति हैं जो जन हित के लिए कुछ भी उत्सर्ग करने के लिए तैयार हो जाते हैं l जब समाज या राष्ट्र पर संकट के बादल घिर आते हैं तो जन समुदाय ऐसे ही चरित्रवान , साहसी लोगों से मार्गदर्शन की अपेक्षा करता है l
रोमन साम्राज्य जब संकट में फंसा तो शासन सभा के सदस्यों ने एक ऐसे व्यक्ति को सूत्र संचालन सौंपा जो सक्रिय राजनीति से संन्यास लेकर सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा था , जिसका नाम था ---- सिनसिनेट्स l वह अपने तेजस्वी व्यक्तित्व और आदर्श चरित्र के बल पर पहले भी
राजप्रमुख के रूप में कई वर्षों तक राष्ट्र की बागडोर सम्हाले रहा l जब संकट की घड़ियाँ आईं, एक बार फिर सभासद उसके पास पहुंचे l वह खेत पर काम कर रहा था l वहां से आकर संकट में फंसे देश को उबारा l जनता ने उसके प्रति जो विश्वास व्यक्त किया , उसे कायम रखा l संकट का दौर समाप्त हो जाने पर पुन: उत्तराधिकारियों को बागडोर थमा कर शान्ति के साथ जीवन व्यतीत करने लगा l
रोमन साम्राज्य जब संकट में फंसा तो शासन सभा के सदस्यों ने एक ऐसे व्यक्ति को सूत्र संचालन सौंपा जो सक्रिय राजनीति से संन्यास लेकर सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा था , जिसका नाम था ---- सिनसिनेट्स l वह अपने तेजस्वी व्यक्तित्व और आदर्श चरित्र के बल पर पहले भी
राजप्रमुख के रूप में कई वर्षों तक राष्ट्र की बागडोर सम्हाले रहा l जब संकट की घड़ियाँ आईं, एक बार फिर सभासद उसके पास पहुंचे l वह खेत पर काम कर रहा था l वहां से आकर संकट में फंसे देश को उबारा l जनता ने उसके प्रति जो विश्वास व्यक्त किया , उसे कायम रखा l संकट का दौर समाप्त हो जाने पर पुन: उत्तराधिकारियों को बागडोर थमा कर शान्ति के साथ जीवन व्यतीत करने लगा l