15 December 2017

WISDOM ----- मनुष्यों में सद्विवेक जरुरी है

  ईसा  एक  कहानी  सुनाते  थे ---- "  मुझे  एक  बार  पांच  गधों  पर    गठरियाँ  लादें  एक  सौदागर  मिला  l  मैंने  उससे  पूछा --- " इतना  सारा  वजन  लादे  क्या  ले  जा  रहे  हो  ? "  उसने  कहा --- ' इसमें  ऐसी   चीजें  हैं  जो  इनसान  को  मेरा  गुलाम  बनाती  हैं   l  बड़ी  उपयोगी  हैं  l " '  तो  फिर  इनमे  है  क्या  ? '
    सौदागर  बोला ----- " पहले  गधे  पर  अत्याचार  लदा  है ,  जिसके  खरीदार  हैं ---- सत्ताधारी  l
   दूसरे  गधे  पर  अहंकार  लदा  है  -----  यह  सांसारिक  लोगों  की  पहली  पसंद  है   l
   तीसरे  गधे  पर  ईर्ष्या    को   ----- ज्ञानी - विद्वान  को  ईर्ष्या  पसंद  है   l
   चौथे  गधे  पर  ---- बेईमानी  है ,   यह  व्यापारी  वर्ग  की  पहली  पसंद  है  l
   पांचवें  गधे  पर ----- छल - कपट  है  ---- यह  महिलाओं  को  ज्यादा  ही  पसंद  है   l   तो  हे
   मेरा  नाम  तो  सुना  ही  होगा  --- मैं  शैतान  हूँ  ,  सारी  मानव जाति  भगवान  की  नहीं   मेरी  प्रतीक्षा  करती  है  l  इसलिए  कि  मेरे   व्यापार  में  लाभ  ही  लाभ  है   l  "
  यों  कहकर  वह  सौदागर  चला  गया   l  ईसा  कहते  हैं  -- मैंने  प्रभु  से  प्रार्थना  की  कि   हे  भगवान  !  मानव  जाति  को  सद्विवेक  प्रदान  कर  ,  ताकि  वह  शैतान  के   चंगुल   से  छुटकारा  पा  सकें  l  उन्हें   एहसास  तो  हो  कि  वे  क्या  खरीद  रहे  है  और  उन्हें  चाहिए  क्या   ?