20 November 2017

WISDOM ---- अतीत के अनुभवों से सीखें और आगे बढ़ चलें

    विद्वानों  का  मत  है  कि   पुराने  अनुभवों  को  बोझा  नहीं  बनने  देना  चाहिए  l  अनुभवों  को  वर्तमान  की  कसौटी  पर  परखते  रहना  चाहिए  l  अर्जित  ज्ञान  में  जो  आज   भी    प्रासंगिक  है  , उसे  ग्रहण  करना  चाहिए  और  जो  प्रासंगिक  नहीं  रहा  उसे  सुखद  स्मृतियों  के  लिए  छोड़  देना  चाहिए  l  ज्ञान    को       व्यवहार  की   कसौटी  पर  निरंतर  परिष्कृत    करने  से  ही  वह  सजीव  रहता  है  l   बीते  हुए  का  शोक  छोड़ें  और  भविष्य  के  समुज्ज्वल  जीवन  की   ओर   बढ़ें  l  आकाश  में  कितने  तारे  रोज  टूटते  हैं  --- इस  संबंध  में  हरिवंशराय  बच्चन  ने  लिखा  है ----  ' जो  छूट  गए  फिर  कहाँ  मिले ,  पर  बोलो   टूटे  तारों  पर  ,  कब  अम्बर  शोक  मनाता  है  l