2 November 2017

WISDOM ------- सद्बुद्धि सबसे बड़ी सामर्थ्य

  बुद्धि  तो  सहज  रूप  में   सभी  मनुष्यों  को  प्राप्त  होती  है  --- किसी  को  कम  किसी  को  ज्यादा  l  बुद्धि  प्राप्त  होने  से  भी   अधिक  महत्वपूर्ण  है  -- सद्बुद्धि  का  प्राप्त  होना  l  बुद्धि  यदि  भ्रष्ट  होकर  कुमार्गगामी  बन  जाये   तो  वह  व्यक्ति  का  स्वयं  का  पतन  तो  करती   ही  है ,  उसके  क्रिया - कलाप  समाज  को  भी  क्षति  पहुंचाते  हैं   l 
  मनुष्य  यदि  सद्बुद्धि संपन्न  हो   तो  वह  अपना   निज  का   कल्याण   करने  के  साथ - साथ   समाज  को  भी  अपनी  विभूतियों  से  लाभान्वित  करता  है  l   सद्बुद्धि  ही  संसार  के  समस्त  कार्यों  में  प्रकाशित  है   l 
                           लार्ड  कर्जन   हिन्दुस्तान  के  वायसराय  थे   l     श्री  आशुतोष  मुखर्जी  ( श्यामा प्रसाद  मुखर्जी  के    पिता )  तब  कलकत्ता  विश्वविद्यालय  के  कुलपति  थे   l     उनके  निजी  संग्रह  की   80,000 किताबें  उनके  आवास  में  थीं  l  बड़े  विद्वान  थे  l  लार्ड  कर्जन   उनसे   बड़े   प्रभावित  थे    l  एक  बार   लार्ड  कर्जन  ने  उनसे  कहा ---- " आपको  फेलोशिप  लेने  इंग्लैंड  जाना  है  l "
 उनकी  माँ  ने  मना  कर  दिया   तो   श्री  आशुतोष    मुखर्जी   ने   वायसराय  को  साफ  मना  कर  दिया   और  कहा  --- " माना,  हिन्दुस्तान  का  वायसराय  कह  रहा  है  ,  पर  मेरे  लिए  महत्वपूर्ण  मेरी  माँ  हैं  l  "  वे  नहीं  गए   l  वसीयत  में  वे  सारी  किताबें   अपने  विश्वविद्यालय  को  दान  में  दे  गए   l