31 October 2017

लौह - पुरुष ------ सरदार वल्लभ भाई पटेल

   ' जिसके  ह्रदय  में  काम  करने  का  उत्साह  है ,  शरीर  में  परिश्रम  करने  की  स्फूर्ति  है ,  मस्तिष्क  में  स्वावलम्बन  का  स्वाभिमान  है   वह  पुरुषार्थ  के  बल  पर   पानी  पर  राह  बना  लेता  है ,  बालू  में  तेल  खोज  लेता  है  l '
      जो  कार्य   जर्मनी   एकीकरण  में  बिस्मार्क  ने  कर  दिखाया  और  जापान  को   एक  सुद्रढ़  राष्ट्र      बनाने  में   मिकाडो  ने  जो  महान  सफलता  प्राप्त   की  ,     सरदार  पटेल  के   कार्यों     का  महत्व  उससे  कम  नहीं  है    l   छ: - सात  सौ  रियासतों  का  भारतीय  संघ  में  विलय  करके   उन्होंने   एक  असंभव  कार्य  को   ऐसी  खूबी  से  पूरा  करके  दिखा  दिया   कि  देश - विदेश  के  समस्त  राजनीतिज्ञ  चकित  रह  गए  l 
 जर्मनी  और  जापान  तो  उस  समय  चार - पांच  करोड़  की   जनसँख्या  के  छोटे  देश  थे ,  पर  सरदार  पटेल  ने  तो   उस  भारत  को  एक   कर  दिखाया   जिसको  विविधता  और  विस्तार  की  द्रष्टि  से  अनेक  लोग   एक  ' महाद्वीप '  की  संज्ञा  देते  हैं   l 
   सरदार  पटेल  का  जीवन  प्रत्येक  मनुष्य  के  लिए  एक  बहुत  बड़ा  आदर्श  उपस्थित  करता  है  ,  वह  यह  कि  मनुष्य  को  केवल  खाने - कमाने  की  जिन्दगी  ही  व्यतीत  नहीं  करनी  चाहिए  ,  वरन  देश   और  समाज  की  रक्षा  का  प्रश्न  उपस्थित  होने  पर    निजी  स्वार्थ  त्याग  कर   उसी  को  प्राथमिकता  देनी  चाहिए  l   यदि  देश  और  समाज  का  पतन  हो  गया  तो   हमारी  व्यक्तिगत  उन्नति  भी   बेकार  हो  जाती  है  l   आज  भी  किसी  राष्ट्रीय  संकट  के  समय  जनता  सरदार  पटेल  की    याद   करती  है   l