20 October 2017

WISDOM -------- अन्याय सहना अन्याय करने से कई गुना बड़ा अपराध है l

 ' बलवान  और  शक्तिशाली  व्यक्ति   यदि  संस्कारवान  भी  होगा   तो  अनीति  और  अन्याय  की  घटनाएँ  सुनकर  उसका  खून  खौल  ही  उठेगा  l  '
      पंख   कटे  जटायु   को  गोद  में  लेकर   भगवान  राम  ने  उसका   अभिषेक  आँसुओं  से  किया  l   स्नेह    से  उसके  सिर  पर   हाथ  फेरते  हुए   भगवान  राम  ने  कहा ---- " तात !  तुम  जानते  थे  रावण  महा बलवान  है  ,  फिर  उससे  तुमने  युद्ध  क्यों     किया  ? "
   अपनी  आँखों  से  मोती  ढुलकाते   हुए  जटायु   ने  गर्वोन्नत  वाणी  में  कहा ---- " प्रभु  !  मुझे  मृत्यु  का  भय  नहीं   है  ,  भय  तो  तब  था    जब  अन्याय  के  प्रतिकार   की  शक्ति   नहीं  जागती  ? "
  भगवान  राम  ने  कहा ----- " तात  ! तुम  धन्य  हो  l  तुम्हारी  जैसी   संस्कारवान  आत्माओं  से   संसार  को  कल्याण  का  मार्गदर्शन  मिलेगा  l  "