18 October 2017

WISDOM

  रावण  ने   कुटनीतिक  चाल  चली  -- बोला    --- अंगद  ! जिस  राम  ने  तेरे  पिता  को  मारा  ,  तू  उन्ही  की  सहायता  कर  रहा  है  l  मेरे मित्र  का  पुत्र   होकर  भी  तू  मुझसे  वैर कर  रहा  है  l  '
  अंगद  हँसा  और  बोला  ---- " रावण !  अन्यायी  से  लड़ना  और उसे  मारना  ही  सच्चा  धर्म  है  l  चाहे  वह  मेरा  पिता  हो   अथवा  आप  ही  क्यों  न  हों  l "
  अंगद  के  ऐसे  तेजस्वी  शब्द  सुनकर   रावण  को  उत्तर    देते  न  बना  l
   ' सम्बन्ध  नहीं ,  नीति  और  न्याय  का  पक्ष   ही  वरेण्य  है  l  :