14 October 2017

WISDOM -

 '   इस  संसार  में  कोई  अजेय  नहीं  है  l  काल  किसी  को  क्षमा  नहीं  करता  l  दुराचारी  चाहे  कितना  बलवान , शक्तिवान  क्यों  न  हो  , एक  दिन  उसका  दर्दनाक  अंत  होना  सुनिश्चित  है   l  शक्ति  का  दंभ  भी  तब  तक  है  , जब  तक  पुण्य  शेष  हैं  l  पुण्य  के  क्षीण  हो  जाने  पर   सारा   दंभ   गुब्बारे  की  हवा  की  तरह    निकल  जाता  है   और    बच   जाता   शक्ति  के बल  पर   किया  गया  घोर  पाप   l  मनुष्य  अपने  ही  नीच  कर्मों  द्वारा  अपने   ही  पुण्य  भंडार  का  क्षरण  कर  लेता  है   l '