30 September 2017

WISDOM

  आपत्तियों  का  कारन  है  ---- अधर्म  --- जब  मनुष्य  के  मन  में  सद्वृत्तियाँ  रहती  हैं  ,  तो  उनकी  सुगंध  से  दिव्यलोक  भरा - पूरा  रहता  है   और  जैसे  यज्ञ  की  सुगंध  से   अच्छी  वर्षा ,  अच्छा  अन्न  उत्पादन  होता  है  ,  वैसे  ही  जनता  की  सदभावनाओं   के  फलस्वरूप   ईश्वरीय   कृपा   की,  सुख - शांति    की    वर्षा  होती  है     l  यदि  लोगों  के  ह्रदय  छल कपट ,  द्वेष ,  छल  आदि   दुर्भावों  से    भरे   रहें  ,  तो  उनसे  अद्रश्य  लोक   एक  प्रकार  से   आध्यात्मिक    दुर्गन्ध  से    भर  जाते  हैं   l  जैसे   वायु  के  दूषित ,   दुर्गंधित   होने  से  हैजा  आदि  बीमारियाँ   फैलती  हैं   ,  वैसे  ही   पाप वृत्तियों  के  कारण  सूक्ष्म  लोकों  का  वातावरण    गन्दा  हो  जाने  से      युद्ध , महामारी  ,  दरिद्रता ,   अर्थ संकट ,  दैवी  प्रकोप  आदि    उपद्रवों  का   आविर्भाव     होता  है   l