स्वामी विवेकानंद अमेरिका यात्रा पर थे l उनके विचारों से प्रभावित होकर एक अमेरिकन ने उनसे उन्हें हिन्दू धर्म में दीक्षित करने को कहा l स्वामीजी ने उत्तर दिया ---- " मैं यहाँ धर्म प्रचार के लिए आया हूँ , धर्म परिवर्तन के लिए नहीं l मैं यहाँ यह सन्देश देने के लिए आया हूँ कि अच्छा इनसान बनने के लिए धर्म परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होती l मेरी हिन्दू संस्कृति विश्व - बंधुत्व का सन्देश देती है और मानवता को सबसे बड़ा धर्म मानती है l तुम अपना धर्म पालन करते हुए भारतीय ऋषियों के इन संदेशों को अपने जीवन में उतारो l वह व्यक्ति उनके कथन से अभिभूत हो गया l