व्यक्ति धर्म के क्षेत्र में हिन्दू , मुसलमान, सिख . पारसी , बौद्ध , जैन हो सकता है पर अध्यात्म के क्षेत्र में तो बस एक आत्मा है l जायसी हिन्दी के प्रमुख संत - कवियों में से जाने जाते हैं l ' पद्मावत ' उनका प्रसिद्ध ग्रन्थ है l वे सभी धर्मों की अच्छाइयों को स्वीकार कर लेने वाले थे l बचपन में उन्हें चेचक निकली थी , जिससे चेहरा कुरूप हो गया था और वे अपनी एक आँख भी खो बैठे थे l जायसी अपनी कुरूपता और निर्धनता को लेकर कभी दुःखी नहीं हुए , उन्होंने ईश्वर की उस इच्छा को समझा कि क्यों उन्हें कुरूपता और निर्धनता से विभूषित किया गया l यह कुरूपता और निर्धनता उनके लिए वरदान बन गई l उन्होंने उस सौन्दर्य को पा लिया जो सत्य था l