8 February 2017

लोग उनके उपदेशों से अधिक उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होते थे ------- संत ज्ञानेश्वर

 संत  ज्ञानेश्वर  की  मान्यता  थी  कि  पूजा - पाठ  तब  तक   अधूरा  है  ,  जब  तक  ह्रदय  में  सेवा  और  सदभावनाएँ  नहीं  हैं  | उन्होंने  अपने  सद्व्यवहार  और  आत्मीयता से  कई  लोगों  को  सन्मार्ग   पर  लगाया     उनके  सद्गुणों  और  लोगों  के  प्रति  मधुर  व  आत्मीय  व्यवहार  से  ही  उनकी  वाणी  में  बल  तथा  प्रभाव  उत्पन्न  होता  था   जिसने  अनेकों  के  ह्रदय  परिवर्तन  कर  दिए   l
  उन्होंने  केवल  प्रवचन  और  उपदेशों  द्वारा   ही  नहीं  ,  लेखनी  और  क्रियाओं  द्वारा  भी  मानव  मूल्यों  के  प्रतिपादक  धर्म  का  प्रचार  किया   ।  उनकी  रचित  ज्ञानेश्वरी  गीता  ,  योग वशिष्ठ  पर  टीका ---
अमृता नुभव    आदि  पुस्तकें  आज  भी  आध्यात्मिक  साहित्य  की  अमूल्य  सम्पदा  मानी  जाती  हैं   ।