28 November 2017

WISDOM ----- अन्याय सहना अन्याय करने से कई गुना बड़ा अपराध है l

  कितने  ही  व्यक्ति  अनीति  को  देखकर  उदास  तो  होते  हैं ,  पर  उसके  प्रतिकार  के  लिए  कुछ  नहीं  करते   l  बंगाल  के  राजा राममोहन  राय उनमे  से  न  थे  l   उनकी  भाभी  को  बल पूर्वक  सती  करा  दिया  गया  था  l  वह  करुण  द्रश्य  वे  कभी  नहीं  भूल  पाए  l  उन्होंने  प्रतिज्ञा  कि  कि  वे  इस   कुप्रथा  का  अंत  कर  के  ही  रहेंगे  l  राजा  राममोहन  राय  ने  सरकार  की  सहायता  से   सती  प्रथा  विरोधी  कानून  पास  कराया  l    इसी  तरह   नाना  साहब  पेशवा  को  अंग्रेजों  की  अनीति  अच्छी  नहीं  लगी  l  उस  समय  अंग्रेजों  के  मुकाबले  उनकी  स्थिति  बहुत  साधारण  थी  ,  तब  भी  उन्होंने  संकल्प  लिया  कि  वे  इस  अन्याय  का  प्रतिकार  करेंगे   l    नाना साहब  पेशवा   1857   की   क्रांति  के  सूत्रधार  बने  l  इसके सूत्र  संचालन  के  लिए  उन्होंने  दिन - रात  एक  कर  दिए ,  जनता  और  राजाओं  को  जागरूक  किया  l  उनके  प्रयासों  से  सारे  देश  में  क्रांति  की  आग  भड़क  गई  थी  l 

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