सन्त फ्रांसिस का जन्म यद्दपि इटली में हुआ था , पर उनका सादा जीवन ,प्राणीमात्र से प्रेम , स्वयं कष्ट उठाकर दूसरों को सुख पहुँचाना आदि अनेक ऐसे गुण हैं जिनके कारण संत फ्रांसिस जैसे दैवी आत्म संपन्न महामानव के चरित्र का अध्ययन समस्त संसार के लिए कल्याणकारी है l वे कहा करते थे --- मनुष्य के समस्त कर्तव्य -- छोटे हों या बढ़े, वे ईश्वर प्रदत्त हैं उन का निस्वार्थ भाव से पालन करना चाहिए l प्रारंभ में वे भजन गा कर अपनी रोटी पा लेते थे , फिर बाद में वे किसी के घर जाकर वहां काम कर के भोजन पा लेते थे , वे कहते थे मुझे काम करके ही अन्न पाना है , रोटी पाने का सच्चा अधिकारी वही है जो बदले में ठोस कार्य करे l
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