धर्म का अर्थ है---' धारण करना ' | धारण करने योग्य केवल श्रेष्ठताएँ हैं, जिनको अपनाने से लौकिक जीवन में समृद्धि , सामूहिक विकास और आत्मकल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है |
महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ | अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण चरणवंदन करते हुए बोले--
" भगवन ! आपके कारण हमारी विजय हुई | " श्रीकृष्ण ने उत्तर दिया--" नहीं धनंजय ! तुम्हारी विजय इसलिए हुई, क्योंकि धर्म तुम्हारे साथ था | श्रेष्ठताएँ और सफलताएँ धर्म का ही साथ देती हैं, तभी तो अति बलशाली रावण, वानरों की सेना के आगे टिक न सका | "
मनुष्य भी जब धर्म और न्याय के पथ पर अग्रसर होता है तो लाख प्रतिकूलताओं के बाद भी श्रेय का वरण स्वत: ही करता है |
महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ | अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण चरणवंदन करते हुए बोले--
" भगवन ! आपके कारण हमारी विजय हुई | " श्रीकृष्ण ने उत्तर दिया--" नहीं धनंजय ! तुम्हारी विजय इसलिए हुई, क्योंकि धर्म तुम्हारे साथ था | श्रेष्ठताएँ और सफलताएँ धर्म का ही साथ देती हैं, तभी तो अति बलशाली रावण, वानरों की सेना के आगे टिक न सका | "
मनुष्य भी जब धर्म और न्याय के पथ पर अग्रसर होता है तो लाख प्रतिकूलताओं के बाद भी श्रेय का वरण स्वत: ही करता है |