' हमारे विचारों का संसार विधेयात्मक हो तो सम्पूर्ण व्यक्तित्व बदल जाता है |'
दुर्बलताएं स्वभाविक हैं | मनुष्य का स्वभाव है कि वह कभी भी भटक सकता है | पर आशावाद निरंतर जिंदा रखें | मानव का वास्तविक स्वरुप दिव्य है एवं क्षमताएं अनंत हैं |
ईश्वर विश्वास - ईश्वर सदा हमारे साथ हैं , इस भावना से आत्मविश्वास बढ़ता है कि हमारे चारों ओर एक सुरक्षा कवच है | अब कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता |
ध्यान द्वारा व्यक्ति अपनी आदतों, व्यवहार को बदल सकता है , विचारों में परिवर्तन कर सकता है, संस्कारों को बदल सकता है एवं औरों के विचारों को प्रभावित कर उन्हें भी बदल सकता है
दुर्बलताएं स्वभाविक हैं | मनुष्य का स्वभाव है कि वह कभी भी भटक सकता है | पर आशावाद निरंतर जिंदा रखें | मानव का वास्तविक स्वरुप दिव्य है एवं क्षमताएं अनंत हैं |
ईश्वर विश्वास - ईश्वर सदा हमारे साथ हैं , इस भावना से आत्मविश्वास बढ़ता है कि हमारे चारों ओर एक सुरक्षा कवच है | अब कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता |
ध्यान द्वारा व्यक्ति अपनी आदतों, व्यवहार को बदल सकता है , विचारों में परिवर्तन कर सकता है, संस्कारों को बदल सकता है एवं औरों के विचारों को प्रभावित कर उन्हें भी बदल सकता है