4 January 2014

PEARL

मार्टिन  लूथर  ईसाई  धर्म  के  प्रसिद्ध  संत  व  विचारक  हुए  हैं  | जब  उन्होंने  प्रचलित  रुढीवादी  मान्यताओं  के  विरुद्ध  आवाज  उठाई  तो  पुरातन  पंथियों  ने  उन्हें  प्रताड़ित  करना  शुरू  किया  | इस  सबसे  दुखी  होकर  उनके  एक  शिष्य  ने  उनसे  कहा --"अब  बहुत  हो  चुका ! आपकी  प्रार्थना  तो  भगवान  सुनते  हैं , आप  उनसे  इन  दुष्टों  की  मृत्यु  का  आशीर्वाद  मांग  लीजिये  |"  मार्टिन  लूथर  बोले --" यदि  में  भी  ऐसी  कामना  करूँ  तो  मुझमे  और  इन  नासमझों  में  क्या  अंतर  रह  जायेगा  ?" उनका  शिष्य  पुन:  बोला --" आप  इन  जल्लादों  की  प्रवृति  तो  देखिये , ये  आप  जैसे  संत  और  परोपकारी  के  साथ  कैसा  दुर्व्यवहार  करते  हैं  | " मार्टिन  लूथर  बोले --" इनके  और  मेरे  कर्मों  का  हिसाब  उसे  ही  रखने  दो , जिसने  यह  दुनिया  बनाई  है  | हमारा  कार्य  राग  एवं  द्वेष  से  मुक्त होकर  शुभ  व  श्रेष्ठ  कर्म  करना  है | धर्म  की  राह  पर  चलने  वाला  अंतत:  विजयी  ही  होता  है  |"