'सत्य -कथन , सत्य बोलना कलि की तपस्या है । कलियुग में अन्य तपस्याएं कठिन हैं । सत्य मार्ग पर रहने से भगवान को पाया जा सकता है । '
एक चोर संत नानक के पास पहुंचा और इस बुरी आदत से छुटकारा पाने का उपाय पूछा । नानक ने जो उपाय बताये , वे उससे निभते न थे । एक के बाद एक उपाय बदलते -बदलते जब बहुत दिन बीत गये और किसी से भी आदत न छूटी तो उन्होंने चोर को बताया कि तुम अपने पाप सबके सामने प्रकट करने लगो ।
चोर का बार -बार आना और पूछना समाप्त हो गया और आदत भी सुधर गई । पाप प्रकट करने से उसे लज्जा लगती थी , इसलिये उसने चोरी करना ही बंद कर दिया ।
एक चोर संत नानक के पास पहुंचा और इस बुरी आदत से छुटकारा पाने का उपाय पूछा । नानक ने जो उपाय बताये , वे उससे निभते न थे । एक के बाद एक उपाय बदलते -बदलते जब बहुत दिन बीत गये और किसी से भी आदत न छूटी तो उन्होंने चोर को बताया कि तुम अपने पाप सबके सामने प्रकट करने लगो ।
चोर का बार -बार आना और पूछना समाप्त हो गया और आदत भी सुधर गई । पाप प्रकट करने से उसे लज्जा लगती थी , इसलिये उसने चोरी करना ही बंद कर दिया ।