15 July 2013

REFINED MANNERS

मानवी सद्गुणों का एकत्रीकरण ही सज्जनता है | उसके बिना कोई महान व्यक्तित्व उपलब्ध नहीं कर सकता | सज्जनता जब अंत:करण में ,व्यक्तित्व में प्रवेश करती है तो -समझदारी ,ईमानदारी ,जिम्मेदारी ,बहादुरी के चार पायों पर उसे खड़ी हुई देखा जा सकता है |
नम्रता ,शिष्टता ,सादगी और मधुरता सज्जनता के ही चिन्ह हैं |
        रूस के राजा एलेग्जेंडर अक्सर अपने देश की दशा जानने के लिये वेश बदलकर पैदल घूमने जाया करते थे | एक दिन घूमते -घूमते एक नगर में पहुंचे वहां का रास्ता उन्हें मालूम न था  | राजा जो वेश बदले हुए थे उन्होंने सरकारी वर्दी पहने एक हवलदार से पूछा "-महाशय ,अमुक स्थान पर जाने का रास्ता बता दीजिये | "हवलदार ने अकड़ कर कहा -"मेरा काम रास्ता बताना नहीं ,किसी और से पूछ | "
राजा ने नम्रता से कहा -"सरकारी आदमी किसी को रास्ता बता दें तो कोई हर्ज नहीं ,इतना बता दीजिये आप किस पद पर हैं ,शायद पुलिस के सिपाही हैं ?"
हवलदार ने ऐंठते हुए कहा -"नहीं ,उससे भी ऊँचा | "
राजा --"तब क्या नायक हैं ?"
हवलदार --"उससे भी ऊँचा "
राजा ----"हवलदार हैं?"  हवलदार ऐंठ कर बोला -"हाँ ,अब तू जान गया मैं कौन हूँ लेकिन इतनी पूछताछ क्यों ,तू कौन है ?"
राजा ने कहा -"मैं भी सरकारी आदमी हूँ | "हवलदार ने पूछा -"क्या तुम नायक हो ?"
राजा --"नहीं ,उससे ऊँचा

हवलदार -"तब क्या हवलदार हैं ?"
राजा --उससे भी ऊँचा "
हवलदार --दरोगा ?
राजा --उससे भी ऊँचा '

हवलदार -कप्तान ?
राजा --उससे भी  ऊँचा
अब तो हवलदार के होश उड़ गये बोला --सूबेदार ?, मंत्री ?
राजा ने कहा -भाई ,बस एक सीढी और बाकी है '
हवलदार ने गौर से देखा तो सादे वेश में बादशाह सामने खड़े हैं ,वह उनके पैरों पर गिर पड़ा और माफी मांगने लगा
राजा ने उसे समझाया -यदि ऊँचा बनना चाहते हो तो पहले मनुष्य बनो ,सहनशील ,नम्र बनो | अपनी ऐंठ कम करो
,व्यवहार कुशल बनो ,तुम जनता के सेवक हो ,इसलिये तुम्हारी विशेष जिम्मेदारी है |
 मानवी गरिमा की सबसे बड़ी कसौटी है --विनम्रता ,निरहंकारिता |