18 June 2013

HAPPINESS---The secret of happiness is renunciation

अंतरिक्ष ने सूर्य से पूछा -"देव !आप सतत ताप की ज्वाला में जलते रहते हैं | एक क्षण भी विश्राम नहीं लेते हैं ,इससे आपको क्या मिलता है | "सूर्य देव मुस्कराए और बोले -"तात !मुझे स्वयं जलते हुए भी दूसरों को प्रकाश ,ताप और प्राण देते रहने में ,जो आनंद आता है उसकी तुलना किसी भी सुख से नहीं की जा सकती | "
 अंतरिक्ष को अपनी भूल ज्ञात हुई तथा मालूम हुआ कि जीवन का सच्चा आनंद स्वयं कष्ट उठाकर भी दूसरों को प्रकाश ,प्रेरणा प्रदान करते रहने में है | 

TO TOUCH TO THE HEART

'संत रज्जब हर क्षण प्रभु की याद में खोये रहते थे | वह मिलने के लिये आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने तमाम अवगुण त्याग कर सादा सरल जीवन बिताने की बात कहते | उनका कहना था कि सच्चा इनसान ,फिर भले ही वह किसी मजहब का हो ,उसे शराब या अन्य किसी नशीले पदार्थ से दूर रहना चाहिये | उनकी बातों का असर इतना जादुई था कि अनेक लोग उन्हें सुनकर सन्मार्ग अपना चुके थे |
     पता नहीं क्यों उन्ही के गाँव में रहते हुए मुहम्मद जुबैर नाम का युवा कुसंग में पड़कर अपराधी बन चुका था | जुआ खेलना ,शराब पीना और शराब पीने के बाद नेक लोगों को परेशान करना ,उसके प्रिय कार्य थे | एक दिन जुबैर ज्यादा पीने के कारण नाली में गिर पड़ा था | तभी उधर से संत रज्जब निकले | उन्होंने उसे उठाया और उसका मुँह धोया ,फिर वहां खड़े लोगों से बोले -"जिस मुँह से ईश्वर का पवित्र नाम लेना चाहिये ,उससे शराब पीकर गालियाँ बकते फिरना गुनाह है |
      जुबैर को जब कुछ देर बाद होश आया तो लोगों ने उसे बताया कि संत रज्जब खुद अपने हाथ से उसका मुँह धोकर गये हैं तथा उन्होंने मुँह से अल्लाह का नाम लेने के बजाय अनाप -शनाप खाने -पीने एवं बोलने को गुनाह बताया है |
     यह सुनकर जुबैर सोच में पड़ गया और उसने कहा -"मेरे जिस मुँह को संत ने अपने हाथों से धोया है उससे अब कभी गुनाह न होंगे | "संत के स्पर्श का यह चमत्कार देखकर लोग चकित थे |