2 May 2013

CONSCIENCE ! MAN'S MOST FAITHFUL FRIEND

'गंगा यमुना का जल श्वेत हो या श्याम उनमे से किसी में भी स्नान करने पर राजहंसो की धवलता यथावत बनी रहती है | वे जल के रंग से प्रभावित नहीं होते |
              परिष्कृत व्यक्तित्व और आध्यात्मिक द्रष्टिकोण वाले व्यक्ति सांसारिक सुख -दुःख को चलती -फिरती छाया से अधिक महत्व नहीं देते | वे उसकी उसी प्रकार उपेक्षा कर देते हैं जिस प्रकार खेत के काम में तल्लीन किसान आकाश में धूप छाँह के खेल की ओर ध्यान नहीं देते | वे इस वास्तविकता से अनभिज्ञ नहीं होते कि सुख -दुःख ,अनुकूलता -प्रतिकूलता की घनात्मक एवं ऋणात्मक परिस्थितियों में तप कर ही मानव जीवन पुष्ट होता है | जीवन की हर परिस्थिति को ईश्वर का वरदान मानकर वे सदैव प्रसन्न एवं संतुष्ट ही बने रहते हैं |

             फिनलैंड के विश्व प्रसिद्ध संगीतकार सिबिलियास से एक नवयुवक संगीतकार मिलने आया और कहने लगा कि आलोचक मेरी कई बार इतनी कड़ी आलोचना करते हैं कि मैं बेहद निराश हो जाता हूँ | कृपया इससे उबरने का कोई उपाय बताएं | सिबिलियास  ने कहा -"कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है | बस !उन नासमझों की बातों पर ध्यान न दो | यदि तुम्हारा उद्देश्य पवित्र है और नियत साफ है तो किसी निंदक और आलोचक से मत डरो | यह भी जान लो कि किसी भी निंदक या आलोचक के सम्मान में कोई मूर्ति या स्मारक आज तक दुनिया में नहीं बनाई गई है | "