14 April 2013

GAYTRI MANTR -RELEASE TENSION

गायत्री मंत्र के जप से सूक्ष्म शरीर का सितार 24 स्थानों से झंकार देता है | गायत्री मंत्र का ध्यान सहित मानसिक जप करने से शरीर में मांस पेशियों में ,स्नायु कोषों में शिथिलीकरण प्रक्रिया को बढ़ाने वाले रसायन रक्त में बढ़ने लगते हैं जो शरीर को बड़ी तेजी से तनाव रहित करते हैं |
     निश्चित संख्या ,निश्चित समय एवं निश्चित स्थान इन तीन अनुशासनों को मानकर जो गायत्री का जप करता है ,उसके जीवन में तनावजन्य परिस्थितियां कभी आयेंगी ही नहीं | 

TENSION

औषधियाँ तो रोग के लिये हैं | स्वस्थ रहने के लिये संयम ,नियम और श्रम की अति आवश्यकता है |
                चुनौतियों से भागने और अपनी क्षमताओं का सही आकलन न कर पाने के कारण तनाव उत्पन्न होता है | सामान्य व्यक्ति अपने जीवन को एक ढर्रे में जीना चाहता है और जीता है ,इसलिये उस ढर्रे से इतर चीजें उसे तनावग्रस्त कर देती हैं |
हम अपनी क्षमता को पहचाने ,चुनौतियों से भागे नहीं ,उन्हें ईश्वर का वरदान समझकर सहर्ष स्वीकार करें -इस आत्म विश्वास के साथ कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत क्यों न हों ,एक दिन सौभाग्य का सूर्योदय अवश्य होगा | ऐसी सकारात्मक सोच से हम तनाव के बीच तनावमुक्त जीवन जी सकेगें |