28 March 2013

NISHKAM KARM

निष्काम कर्म से आप अपने लिये सुंदर दुनिया बना सकते हैं | सत्कर्म से पुण्य प्राप्त होते हैं और पुण्य से ही सुख -साधन की सामग्री जुटती है | अनवरत निष्काम कर्म करने से चित शुद्धि होती है | यदि इस संसार में एक दिन के लिये भी किसी व्यक्ति के चित में थोड़ा सा आनंद एवं शांति प्रदान की जा सके तो उतना ही जीवन सार्थक है | |
मन को भगवान में लगाकर सभी लाभ -हानि से मुक्त होकर केवल कर्म करते रहने से निष्काम कर्म सध जाता है | निष्काम कर्म करते रहने से जटिल संस्कारों की घटाएं कमजोर पड़ने लगती हैं ,निष्काम कर्म के द्वारा हमें अपने जीवन का महत्वपूर्ण उदेश्य -स्वधर्म का बोध होता है | अपने वास्तविक कर्तव्य का आभास होने लगता है | सद्चिन्तन एवं निष्काम सेवा का सौन्दर्य कभी मलिन नहीं होता | जीवन सद्कर्मों के प्रभाव से विकसित एवं समुन्नत होता है जीवन उनका सफल है जो औरों के काम आ सकें ,दूसरों की सेवा कर सकें ,प्रेरणा का प्रकाश बन सकें | ऐसा जीवन छोटा होने पर भी शतायु पार करने वाले से उत्कृष्ट एवं महान होता है |