23 January 2013

एक बार फूलों से लदे गुलाब के पौधे को चिंतामग्न देखकर पास में उगे आम के झुंड ने इसका कारण पूछा ।गुलाब ने कहा ,"आज तो मैं फूलों से लदा हूँ ,पर वह पतझड़ दूर नहीं ,जब मैं पत्तों सहित झड़ जाऊंगा और फिर मेरी कंटीली डालियों को कोई आंख उठाकर भी न देखेगा ।क्या यह कम चिंता की बात है ?आम ने कहा ,"मित्र !इस आज की सुषमा और अगले पतझड़ के बाद फिर आने वाली अपनी सुंदरता का विचार क्यों नहीं करते ?मुझे देखो ,अभी फल -फूलों से लदने में कई वर्ष लगेंगे ,पर उसकी आशा और कल्पना करने में निरंतर प्रसन्न बना रहता हूँ ।"