21 January 2013

HUMAN

एक महारानी ने अपनी मौत के बाद अपनी कब्र के पत्थर पर निम्न पंक्तियाँ लिखाने का हुक्म दिया था ,"इस कब्र में अपार धन राशि गड़ी हुई है ।जो व्यक्ति निहायत गरीब एवं एकदम असहाय हो ,वह इसे खोदकर ले सकता है ।"उस कब्र के पास से हजारों दरिद्र एवं भिखमंगे निकले ,लेकिन उनमे से कोई भी इतना दरिद्र एवं असहाय नहीं था ,जो धन के लिए मरे हुए व्यक्ति की कब्र खोदे ।एक अत्यंत बूढ़ा भिखमंगा तो वहां सालों -साल से रह रहा था ।वह हमेशा उधर से गुजरनेवाले प्रत्येक दरिद्र व्यक्ति को कब्र की ओर इशारा कर देता था ।आखिर एक दिन ऐसा व्यक्ति आ ही गया और उसने कब्र की खुदाई शुरु करवा दी ,पर उसे उस कब्र में एक पत्थर के सिवाय और कुछ नहीं मिला ।उस पत्थर पर लिखा हुआ था ,"मित्र ,तू अपने से पूछ ,क्या तू मनुष्य है ?क्योंकि धन के लिए कब्र में सोए हुए मुर्दों को परेशान करने वाला मनुष्य हो ही नहीं सकता ।"वह व्यक्ति एक सम्राट था और उसने उस कब्र वाले देश को अभी -अभी जीता था ।वह सम्राट जब निराश होकर उस कब्र के पास से वापस लौट रहा था तो उस कब्र के पास रहने वाले बूढ़े भिखमंगे को लोगों ने खूब जोर से हँसते हुए देखा ।वह हँसते हुए कह रहा था ,मैं कितने सालों से इंतजार कर रहा था ,आख़िरकार आज धरती के दरिद्रतम और सबसे ज्यादा असहाय व्यक्ति का दर्शन हो ही गया !"सच में ह्रदयहीन व्यक्ति से बड़ा दरिद्र और दीन -दुखी और कोई हो ही नहीं सकता है जो प्रेम के अलावा किसी और संपदा की खोज में लगा रहता है ।एक दिन वही संपदा उससे सवाल करती है -क्या तुम मनुष्य हो ?