30 December 2012

एक घंटे लगातार बोलने पर व्यक्ति इतना अधिक थक जाता है कि आठ घंटे तक शारीरिक श्रम किया जाता तो थकान नहीं आती क्योंकि वाणी का सीधा संबंध मस्तिष्क से है ।शारीरिक क्रिया -कलापों में जिन कार्यों में सर्वाधिक मानसिक शक्ति खर्च होती है वह वाणी ही है ।इसलिये मौन की गणना मानसिक तप से की गयी है ।मौन का अर्थ है आन्तरिक -बाह्य क्रियाओं का अपने पर प्रभाव न होने देना ,स्वयं को उनसे निरपेक्ष रखने का नाम मौन है ।सत्य नि:शब्द होता है और कुछ प्रश्नों के उत्तर केवल मौन में दिये जा सकते हैं ।