यह सारा आकाश ईश्वर केअनुदानों से भरा पड़ा है ।हमें ही पात्रता विकसित करनी है अपने भीतर की बुराइयों को दूर करके ही हम परमेश्वर की कृपा के पात्र बन सकते हैं ।
11 December 2012
NISHKAM KARMA
गायत्री मंत्र के जप के साथ यह बहुत आवश्यक है कि हम निष्काम कर्म को अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करें ।यह संसार ईश्वर की बगिया है ।इसे सुन्दर बनाने के लिये नि:स्वार्थ भाव किये गये कार्य से ही ईश्वर प्रसन्न होतें हैं ।
GAYTRI MANTRA
श्रद्धा और विश्वास के साथ समर्पण भाव से जब हम गायत्री महा मंत्र जपते हैं तो हमारे चारों ओर एक सुरक्षा कवच बन जाता है और फिर संसार की कोई भी ताकत हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती बच्चा माँ की गोद में स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है इसलिये जब गायत्री मंत्र के जप के साथ हम माँ को पुकारते हैं तो सबसे पह्ले माँ हमें अपने संरक्षण में ले लेती हैं
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